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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक इंटरव्यू काफी चर्चा में है। ये इंटरव्यू जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई न्यूज चैनल को दिया, जिसमें उन्होंने रूस के साथ दोस्ती पर बात करते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। एंकर ने उनसे भारत-रूस संबंधों को लेकर सवाल पूछा था। इस पर जयशंकर ने कहा कि इससे ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे। जयशंकर ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि आज के दौर में किसी भी देश के एक्सक्लूसिव रिश्ते नहीं होते।पाकिस्तान को लेकर क्या बोला?
ऑस्ट्रेलिया की एंकर ने जयशंकर से सवाल किया कि क्या रूस के साथ भारत की दोस्ती से ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों में कोई दिक्कत आ रही है। जयशंकर ने जवाब दिया कि उन्हें ऐसा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी भी देश के एक्सक्लूसिव रिश्ते नहीं होते। जयशंकर ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा, 'अगर हम आपके तर्क के हिसाब से सोचें तो हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान के साथ कई देशों के रिश्ते हैं। ऐसे में भारत को भी परेशान होने की जरूरत है।'
'रूस के साथ संबंधों से हो रहा दुनिया को फायदा'
विदेश मंत्री ने कहा कि रूस के साथ भारत के रिश्ते से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को फायदा हो रहा है। रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर उन्होंने कहा कि अगर हमने ऐसा नहीं किया होता तो वैश्विक ऊर्जा बाजार पूरी तरह तबाह हो जाता। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट पैदा हो गया होता। इससे पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर होती। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के अच्छे संबंधों की वजह से ही रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत शुरू कराने में मदद मिल सकती है।
पाकिस्तान को लेकर क्या बोला?
ऑस्ट्रेलिया की एंकर ने जयशंकर से सवाल किया कि क्या रूस के साथ भारत की दोस्ती से ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों में कोई दिक्कत आ रही है। जयशंकर ने जवाब दिया कि उन्हें ऐसा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी भी देश के एक्सक्लूसिव रिश्ते नहीं होते। जयशंकर ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा, 'अगर हम आपके तर्क के हिसाब से सोचें तो हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान के साथ कई देशों के रिश्ते हैं। ऐसे में भारत को भी परेशान होने की जरूरत है।''रूस के साथ संबंधों से हो रहा दुनिया को फायदा'
विदेश मंत्री ने कहा कि रूस के साथ भारत के रिश्ते से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को फायदा हो रहा है। रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर उन्होंने कहा कि अगर हमने ऐसा नहीं किया होता तो वैश्विक ऊर्जा बाजार पूरी तरह तबाह हो जाता। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट पैदा हो गया होता। इससे पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर होती। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के अच्छे संबंधों की वजह से ही रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत शुरू कराने में मदद मिल सकती है।'रूस और यूक्रेन दोनों से भारत बातचीत कर सकता है'
उन्होंने कहा, 'रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। ऐसे में हम रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बातचीत करने में सक्षम हैं। हम मानते है कि दुनिया और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया को भी ऐसे देश की जरूरत है जो जंग को बातचीत की मेज तक लाने में सहयोग कर सके। ज्यादातर युद्ध बातचीत की मेज पर ही खत्म होते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा विरले होता है जब कोई जंग युद्ध के मैदान में खत्म हुआ हो, बल्कि अधिकतर समय में यह बातचीत की मेज पर खत्म होता है।"
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